#Health
Target:
विश्व स्वास्थ्य संगठन
Region:
India

https://edition.cnn.com/2020/11/23/health/astrazeneca-vaccine-data-questions/index.html
https://www.indiatimes.com/news/india/serum-institute-continue-oxford-covid-vaccine-trial-despite-astrazeneca-halting-it-522439.html
https://www.aajtak.in/coronavirus/photo/coronavirus-us-regulators-very-concerned-side-effects-oxford-astrazeneca-vaccine-tsta-1130450-2020-09-16-4
https://www.aajtak.in/lifestyle/news/photo/oxford-covid-vaccine-trial-volunteer-had-neurological-symptoms-says-astrazeneca-ceo-tlif-1127152-2020-09-10-8

हम बहुत चिंतित हैं कि AstraZeneca ने अपने क्लीनिकल परीक्षणों में जो डेटा के साथ छेड़छाड़ की हैं उनके कारण दुनिया भर के लोग वैक्सीन में भरोसा खो देंगे और ज़िंदगियाँ खतरे में पड़ सकती हैं। हमारा मानना है कि पूरी पारदर्शिता और निम्नलिखित प्रश्नों के विस्तृत उत्तरों से ही AstraZeneca के षडयंत्रयात्मक और गलत क्लीनिकल परीक्षणों के खुलासों से हुए नुक्सान की भरपाई की जा सकती है:
1. क्लीनिकल परीक्षणों के मूल प्रोटोकॉल में किसी आधे डोज़ की बात नहीं की गई थी। AstraZeneca के एक्सिकिटिव वाइस प्रेसिडेंट मीने पंगालोस ने रायटर्स को बताया है कि “यह एक गलती थी।” यह गलती कब और कैसे हुई? क्या 2,741 मरीजों को आधा डोज़ गलती से दिया गया था? क्या डोज़िंग की और भी गलतियाँ थीं?
2. AstraZeneca PlC के जिस कोविड वैक्सीन के डोज़ ने सबसे ज़्यादा असर दिखाया है वह कम असर वाला वाल बड़ा डोज़ नहीं है बल्कि यह वह डोज़ है जिसका परीक्षण युवा लोगों पर किया गया है, यह कहना है यूएस ऑपरेशन वार्प स्पीड प्रोग्राम के हेड मनोसेफ़ स्लाओई का। AstraZeneca की रिलीज़ में इसका खुलासा क्यों नहीं किया गया? क्या आधे डोज़ और पूरे डोज़ के समूहों के बीच जनसांख्यिकी गुण धर्मों में और भी अंतर थे?
3. आधा डोज़ पूरे डोज़ की तुलना में बेहतर नतीजे क्यों दे रहा है? क्या डोज़िंग के अध्ययन पूरे नहीं किए गए थे क्योंकि ये तो दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षणों की मानक प्रक्रिया होने चाहिए थे?

4. “मुझे नहीं लगता कि एफडीए ऐसे किसी भी परीक्षण को सकारात्मक रूप से देखेगी जिसमें परीक्षण के बीच ही डोज़, या समूह की उम्र, या कोई अन्य वेरिएबल गलती से या जान-बूझकर बदल दिए गए,” यह कहा है जेफ्री पोर्जेस ने, जो एसवीबी लीरिंक एनालिस्ट हैं और जिन्होंने सोमवार को यह अनुमान लगाया है कि यूएस फूड एंड ड्रग एड्मिनिसट्रेशन वैक्सीन को अनुमति नहीं देगी। तो क्या AstraZeneca आधे डोज़ की अनुमति लेगी या पूरे डोज़ की? यदि पूरे डोज़ की लेगी तो इसकी वर्तमान प्रभावशीलता जिसका अभी खुलासा किया जा सकता है वह बस 62% है? यदि आधा डोज़, तो क्या नए क्लीनिकल परीक्षण शुरू करने की जरूरत होगी। ये कब शुरू करेंगे और इसमें कितने स्वेच्छाकर्मी हिस्सा लेंगे?

5. AstraZeneca की रिलीज़ में चिम्पैंजी अडीनोवायरल वेक्टर के कोई उल्लेख नहीं हैं। दुनिया का यह जानना जरूरी है कि AstraZeneca ही दुनिया की ऐसी कंपनी है जो वैक्सीनों में जानवरों के वायरस उपयोग कर रही है और इन प्रक्रियाओं की सुरक्षा को लेकर कोई दीर्घकालीन शोध नहीं किए गए हैं। “यह एक बड़ी अनोखी स्थिति है जिसमें हम एक कंपनी के रूप में यह जोखिम नहीं ले सकते यदि... चार साल में वैक्सीन साइड-इफेक्ट दिखने लगें, " यह रुड डॉबर ने रायटर्स को बताया है जो Astra की सीनियर एक्सिकिटिव टीम के एक सदस्य हैं। चिम्पैंजी अडीनोवायरल वैक्सीन के दीर्घकालीन प्रभावों का अध्ययन कब किया जाएगा और इन्हें जनता के सामने कब लाया जाएगा?
6. AstraZeneca ने वैक्सीन का पूरा कानूनी जोखिम इसे खरीदने वाले देशों पर थोप दिया है क्योंकि उन्हें AstraZeneca को किसी भी तरह के नुक्सान की पूरी भरपाई को जबर्दस्ती स्वीकार करने के लिए कहा गया है। यदि क्लीनिकल परीक्षणों में हुई साफ गलतियों के गलत परिणाम हों और लोग मारे जाएँ तो क्या AstraZeneca कानूनी जोखिम साझा करेगी?
7. AstraZeneca के क्लीनिकल परीक्षणों में कम से कम ऐसे दो गंभीर मामले हुए हैं जिनमें संभावित ऑटोइम्यून बीमारी देखी गई। दुनिया भर की नियंत्रक संस्थाओं को इन मामलों की पूरी जानकारी कब दी जाएगी? यह जानकारी जनता के सामने कब लाई जाएगी?

इस अर्जी के माध्यम से हम माँग करते हैं कि दवा कंपनी AstraZeneca द्वारा AD 1222 के परीक्षण निलंबित किए जाएँ जिनसे लोगों की जानें जा चुकी है। पहले भी कंपनी को धोखाधड़ी और सुनियोजित रूप से आंकडों का खुलासा नहीं करने का दोषी पाया जा चुका है।

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The हम जीना चाहते हैं petition to विश्व स्वास्थ्य संगठन was written by Rita Baria and is in the category Health at GoPetition.

Petition Tags

COVID-19 Astrazeneca